यादों की कश्ती के, थे हम मझधार उसे, कहते-कहते, अब मैं गयी हार यादों की कश्ती के, थे हम मझधार उसे, कहते-कहते, अब मैं गयी हार
क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ
इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो में मिर्च की ज इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो मे...
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
ये वो दीपक है,हर किसी दिल मे जलता नहीं है। ये वो दीपक है,हर किसी दिल मे जलता नहीं है।
मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...